भगवान का अर्थ क्या होता है? भगवान सिर्फ वही नहीं होते जो हमें कभी दिखाई नहीं देते या जिनसे हम मिल नहीं पाते। अगर भगवान ने कभी हमारी जिंदगी को छुआ ही नहीं, हमें कोई राह दिखाई ही नहीं, या हमें खुशियां और सफलता दी ही नहीं, तो ऐसे भगवान का हमारे जीवन में क्या अर्थ रह जाता है? लेकिन अगर इंसानों में कोई ऐसा हो, जिसकी वजह से हमारी जिंदगी में सिर्फ खुशियां ही आती हैं, जिनकी उपस्थिति से हमारा जीवन और भी बेहतर हो जाता है, चाहे कितनी भी बड़ी परेशानी क्यों न आ जाए, फिर भी हमें जीतने की उम्मीद मिलती है, और वो भी मुस्कुराहट के साथ, जिनकी एक झलक या एक सोच हमें जीवन में सफल होने की प्रेरणा देती है, तो ऐसे इंसान को इंसान नहीं, भगवान मानने में कोई संकोच नहीं होता। इसीलिए तो हम कहते हैं कि मां-बाप हमारे भगवान होते हैं, लेकिन हर मां-बाप नहीं, बल्कि वही जिनमें वो चारों गुण हों जो किसी भगवान में होते हैं। अब अगर बात शान की की जाए, तो उनमें वो चारों ही नहीं, उससे भी अधिक गुण मौजूद हैं। उनके होने की वजह से न जाने कितने चाहनेवालों को जीने की हिम्मत मिलती है। सिर्फ उनके होने से ही न जाने कितनों को जीवन मे...
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